मामला जनपद हरिद्वार का है जहां पर कुछ असामाजिक तत्वों एवम तथाकथित पत्रकारों की एक जुटता के चलते स्टेट नदी हो या फिर अन्य नदियों में रात्रि में तावड़ तोड़ खनन को अंजाम दिया जाता है साथ ही विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से परमीसन की आड़ में बेतादत मिट्टी उठान को लेकर माननीय हाई कोर्ट न्यायाधीश के आदेशों को ताक में रखकर जे सी वी द्वारा अवैध रूप से धरती का सीना छलनी किया जाता है ,,
कुछ इसी प्रकार का मामला दरियापुर निकट भगवान पुर में देखने को मिला ,, जहां कि परमिशन होने की ख़बर फ़ैला कर कोड खुलने के आठ दिन पहिले ही जे सी वी गरज उठी और बेतादात डैंफरों से मिट्टी की ढुलाई होने लगी इस सारी वारदात से विभाग अनिभिज्ञ है ऐसा नहीं हो सकता,,
क्यों कि संबंधित विभाग के कर्मचारियों एवम अधिकारियो को सरकार इसी काम के लिए सैलरी देती है ताकि राजस्व का नुकसान न हो
लेकिन यहां तो मंजर ही अलग देखने को मिलता है ,, इतना ही नहीं बल्कि बिना आई टी आर के जिम्मेदार आधिकारी कुछ भी बताना मुनासिब नहीं समझते ,, जबकि सरकार पुरी तरह से पार दर्शिता को कायम रखना चाहती है ,,
यह सारी बातें आपने आप में खुद एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहीं हैं,, आखिर कौन देगा जवाब इन तमाम सवालों का