खुले आम तमंचा लहराने वाले व्यक्ति के खिलाफ मौन क्यों है पुलिस,,?
सवाल तो बनता ही है,, एस एस पी प्रमेद्र डोभाल के नेतृत्व से अपराधी भयभीत हैं, लेकिन ये तमंचा लहरा कर आखिर क्या सन्देश दे रहा है,,?
खुले आम तमंचा लहराने से एक दवंगी जाहिर होती है,, जो कि सुरक्षा के लिए एक सवालिया निशान है,, रावली महदूद में शराब माफिया खुलेआम तमंचा लहरा रहा है,,, जिससे कानून व्यवस्था कि धज्जियाँ उड़ती नजर आ रही हैँ,,क्या वास्तव में जिला प्रसाशन इस पर कार्यवाही करेगा,,या फिर माननीय मुख्य मंत्री जी का वर्ष 2025 तक नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान पूरी तरह सफल है