भारत में कानून बनते तो हैं लेकिन उनका अनुपालन नहीं होता जिससे कानून की मर्यादाएं सवालिया निशान साबित होती हैं बात करते हैं हरिद्वार जनपद के साथ ही जिला मुख्यालय की चंद दूरी पर स्थित रोशनबाद की जहां हर दो कदम पर पशु पक्षी वध अधिनियम की धज्जियां उड़ती देखी जा सकती हैं,,, जब कि भारत का संविधान देश के हर नागरिकों की तरह ही जानवरों को भी जीवन जीने की आजादी देता है. अगर कोई व्यक्ति जानवरों को मारने या प्रताड़ित करने की कोशिश करता है तो इसके लिए संविधान में कई तरह के दंड के प्रावधान हैं. इसके अलावा हमारे देश में कई जानवर ऐसे भी हैं जिसे मारने या प्रताड़ना पहुंचाने पर आपको जेल भी हो सकती है.
रोशनाबाद जो मुखायलय के चंद कदमों की दूरी पर है साथ ही खुले आम चिकन सैंटर के नाम पर पक्षियों यानी बेजुबान मुर्गों को पिजड़े में बंद कर उन्हें काटा जा रहा है जबकि इन पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 2,9, 29,51 और 52 का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्यवाही अमल में लाना चाहिए ,, लेकिन क्यों मौन है प्रशासन,,,,?