राशन डीलर ने जिला पूर्ति अधिकारी तेज़ बल सिंह और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राशन डीलर का कहना है कि अधिकारियों द्वारा पहले जानबूझकर राशन की दुकान को सस्पेंड किया जाता है, फिर बहाली के नाम पर मोटी रकम की मांग की जाती है।
डीलर के अनुसार, जो डीलर पैसे नहीं देते, उनकी राशन दुकान को किसी अन्य वर्तमान डीलर के साथ जोड़ दिया जाता है, जिससे उनकी रोज़ी-रोटी पर असर पड़ता है। यह एक सुनियोजित तरीका बन चुका है, जिसके तहत ईमानदार डीलरों को परेशान किया जाता है।
जब इस मामले में जिला पूर्ति अधिकारी तेज़ बल सिंह का पक्ष जानने के लिए हमारे हरिद्वार संवाददाता उनके कार्यालय पहुंचे, तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने अलग-अलग बातें कही, वही कर्मचारी का कहना है कि अधिकारी पिछले तीन दिन से छुट्टी पर हैं, वहीं कुछ कर्मचारी बता रहे कि वह किसी मीटिंग में हैं, वही हरिद्वार संवाददाता द्वारा मौके पर ही उन्हें कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इससे यह प्रतीत होता है कि जिला पूर्ति अधिकारी मीडिया से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
इस पूरे मामले में अब जिला प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में है। अगर आरोप सही हैं, तो यह एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला बन सकता है। प्रशासन से पारदर्शिता और उचित जांच की मांग की जा रही है।,,