आप सभी जानते हैं कि हरिद्वार को धरम नगरी के नाम से जाना जाता है क्यों कि यहां पर विश्व के पर्यटक आकर स्वयं को धन्य समझते हैं,, लेकिन यहां पर तैनात जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह से अपना ईमान बेंच चुके हैं,, खनन माफियायों के साथ सहभागिता सुनिश्चित करते हुए करोड़ों की संपदा, राजस्व की चोरी कर हरिद्वार जनपद में खनन माफियाओं द्वारा अपना वर्चस्व कायम कर दिया गया है,, साथ ही यह भी जन चर्चा है कि इस अवैध खनन में प्रांतीय जिम्मेदार नेता शामिल हैं तो फिर विपक्ष का विरोध क्यों,,? रात्रि में स्टेट नदी में कुछ दिन पूर्व जे सी वी द्वारा खनन किया जाना यह स्पष्ट करता है कि हरिद्वार के जिम्मेदार अधिकारी किसी महा भयानक आपदा को आमंत्रण दे रहे हैं,, जिसकी शिकायत समाज सेवी संस्थाओं द्वारा माननीय मुख्यमंत्री एवम प्रधान मंत्री महोदय से किए जाने की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि हरिद्वार का अस्तित्व समाप्त करने में सहयोगी कोई भी हो उसे गलती का अहसास होना जरूरी है! कुछ समाज सेवी लोग यदि संबंधित विभाग को जानकारी देते हैं तो उस जानकारी को देने वाले का नाम खनन माफिया को बता दिया जाता है,, ताकि सही पत्रकारिता को दबाया जा सके,, लेकिन ऐसा असंभव है!